गुरुर।
गुरुर मे आयोजित शिव महापुराण कथा में पं.पंडित ज्ञानेश्वर प्रसाद पांडे ने शिव पार्वती विवाह का रोचक वर्णन किया।
यह आयोजन महिला भागवत समिति एवं समस्त ग्रामवासी गुरूर के सहयोग से शिव महापुराण कथा का आयोजन किया ।
सत्संग धाम सगुनी से पहुंचे कथा वाचक पं.पंडित ज्ञानेश्वर प्रसाद पांडे ने हिमालय प्रसन्न एवं शिव विवाह कथा के बारे में भक्तों को बताया कि हिमालय राज की कन्या पार्वती बड़ी होने लगती हैं, पार्वती ने मन में प्रण लिया कि वह शिव को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। देवता भी शिवजी को मनाते हैं कि वह पार्वती से विवाह कर लें लेकिन शिवजी इसके लिए तैयार नहीं हुए।
कथा वाचक ने कहा कि माता पार्वती शिव जी को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या करती हैं। भगवान शिव प्रसन्न हो विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं। देवताओं, भूत, पिशाचों को लेकर तन में भस्म लगाए। शिव बारात लेकर हिमालयराज के यहां पहुंचते हैं। माता मैना दूल्हे का भेष देखकर डर जाती हैं और पार्वती का विवाह करने से मना कर देती हैं। सभी ने समझाया कि शिव जी कोई साधरण नहीं हैं वह तो देवों के देव हैं। मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह होता है और देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं। शिवजी पर विल्वपत्र अर्पित करने से भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।