Chhattisgarh Election 2023: धार्मिक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर इंटरनेट मीडिया मानिटरिंग सेल कर रही निगरानी
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंटरनेट मीडिया का चुनाव में तेजी से उपयोग होता है। ऐसे में लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं। कई बार अपराधिक और भड़काऊ पोस्ट की वजह से कानून व्यवस्था बिगड़ने के हालात हो जाते हैं। आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पुलिस ने हर स्तर पर निगरानी शुरू कर दी है।
रायपुर की इंटरनेट मीडिया मानिटरिंग सेल की टीम अब तीन शिफ्ट में ऐसे लोगों और उनकी पोस्ट पर नजर रख रही है। संवेदनशील जगहों की पोस्ट पर विशेष नजर रखी जा रही है। उन लोगों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखी जा रही है जो धार्मिक पोस्ट करते हैं। चुनाव से पहले भी टीम लगातार काम करती आ रही है।
पूर्व में बंद करवाए जा चुके अकाउंट
इंटरनेट मीडिया में अपराधिक और भड़काऊ या कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाली पोस्ट करने वालों की निगरानी के लिए इंटरनेट मीडिया निगरानी सेल भी सक्रिय है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), वाट्सएप आदि में फर्जी आइडी बनाकर आपत्तिजनक, अपराधिक पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सेल ने आचार संहिता से पहले ही फेसबुक के 55, इंस्टाग्राम के 110, एक्स (ट्विटर) के दो फर्जी अकाउंट को बंद करवा चुकी है।
इन टूल किट से निगरानी
इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखने के लिए 25 से ज्यादा टूल किट्स और साफ्टवेयर हैं। इसमें टेलविंड, यूनियन मैट्रिक्स आडियंस कनेक्ट, सोशल मैशन, टाकवाकर खाडर सोशल, ब्रांडवाच की-हाल, की-वर्ड, डिजीमाइड आदि शामिल हैं।
इन बातों का दे रहे ध्यान
यूनिट इंटरनेट मीडिया पर धार्मिक पोस्ट, जातिगत पोस्ट, राजनीतिक पोस्ट और जनप्रतिनिधियों के नाम से अपलोड किए गए पोस्ट पर एक्शन ले रही है। इस तरह के पोस्ट को फारवर्ड करने और कमेंट करने पर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा एक्शन लिया जा रहा है।
किसी मैसेज को फैलाने के लिए संदेही की-वर्ड का करते हैं इस्तेमाल
साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि निगरानी के लिए इंटरनेट मीडिया में कई टूल हैं। लेकिन पुलिस ज्यादातर सामान्य टूल का उपयोग करती है। इंटरनेट मीडिया में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला प्लेटफार्म फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम है। इसकी निगरानी पुलिस हैशटैग और की-वर्ड के माध्यम से करती है। किसी मैसेज को फैलाने के लिए संदेही की-वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं की-वर्ड के सहारे वो शिकंजे में आते है।
उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की नजर
आदर्श आचार संहिता के बाद मानिटरिंग सेल लगातार निगरानी करती है। आपत्तिजनक पोस्ट पर टीम की नजर है। भड़काऊ पोस्ट और आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की नजर है।