गुरुर। 23 नवंबर को सुबह मंदिरों में विष्णु पूजन के पश्चात शाम को घर-घर में तुलसी जी का विवाह विष्णु स्वरूपा शालिग्राम से रचाने की रस्म निभाई गई। अधिकांश गांव में 24 नवंबर को यह पर्व मनाया जाएगा। घर-घर में तुलसी विवाह रचाने के लिए मंडप सजाया गया है।
मंडप सजाने के लिए गुरुर सहित ग्राम भरदा, पुरुर, पलारी, बोडरा जैसे अन्य गांव के बाजारों मे गन्ना और पूजन सामग्री खरीदारी के लिए ग्रामीण पहुंचे थे। इसके पहले सुबह से देर शाम तक गन्ने की बिक्री होती रही।
बता दे कि देवउठनी एकादशी को ग्रामीण इलाकों में जेठउनी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से मांगलिक एवं अन्य कार्य की शुरुआत करने की भी परंपरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जेठउनी के दिन बिना पंचांग देखे विवाह कार्य संपन्न किया जाता है।
27 को कोलिहामार में लगेगा कार्तिक पूर्णिमा मेला
गुरुर के बाजार चौक के अलावा धनेली चौक, टिकरापारा, अंबेडकर चौक सहित अन्य स्थानों पर गन्ने से बाजार सज रहा। यहां प्रति नग 30 रुपये मे मिलने वाला गन्ना दोगुनी कीमत पर बिक रहा है। अलग-अलग गुणवत्ता वाली गन्ना इस बार 100 रुपये जोड़ी तक में बिकी।
दीपावली एवं देवउठनी पर्व मनाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में अब मंडई मेला का आयोजन किया जा रहा है। 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर ग्राम कोलियामार में मंडई मेला का आयोजन किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस दिन रात्रि में ग्राम डोमा (गुजरा) का नाच कार्यक्रम आयोजित होगा। दूसरे दिन यहां हरदानी महोत्सव में गांव के प्रमुख देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर कामना की जाएगी।