लेखिका, संतोषी सिन्हा
प्रेम का अर्थ होता है,,,,
मन की वह भावना और परोक्ष रूप से हमारे अंदर छिपी हुई होती है।
यह प्रेम की भावना किसी विशेष व्यक्ति के लिए हमारे मन में पनपती है।
प्रेम मन में छुपे वह मनोभाव है जो किसी स्पेशल के लिए ही दिग्दर्शक होता है।
सृष्टि में निरंतर होने वाले उत्थान और पतन के क्रम से मनुष्य जब विचलित होता है तो अपने सुख दुख,, लाभ हानि,,,, विचलित अविचलित,,,, काबू और बेकाबू की भावना को एक कोने में नहीं रख पाता है और सुख की चाह रखते हुए वह किसी विशेष व्यक्ति के प्रति आकर्षित होता है।
प्रथम बार प्रेम होना एक अचानक होने वाली घटना है जो अक्सर होता ही है परंतु अगर पहले प्रेम से हमें मनवांछित प्रेम ना मिले तब हम दूसरे प्रेम के प्रति आकर्षित होते हैं।
दूसरा प्रेम मानव मन की गहराई में पहले प्रेम के खरे न उतरने पर होता है।
ऐसा नहीं है कि हर व्यक्ति दो बार प्रेम करें। कभी-कभी प्रेम में संतुष्टि और आत्म सार होने के भाव से प्यार प्रथम और अंतिम भी होता है।
यह आपकी शिक्षा,, नीति ,,रखरखाव ,,रहन-सहन या पेरेंट्स के तौर-तरीके पर डिपेंड करती है।
कभी-कभी घर का माहौल सही होने पर भी अपने जीवन साथी से प्यार ना मिल पाने की स्थिति में दूसरा प्यार करना मजबूरी बन जाती है।
कभी-कभी कुछ लोग शौकिया तौर पर दूसरे प्यार के लिए तल्लीन रहते हैं,,,। कुछ लोग आशिक मिजाज होते हैं जिन्हें हार्दिक प्रेम से कोई सरोकार नहीं होता उन्हें मुंह देखकर प्यार करने की आदत होती है।
साधारण इस संसार में दो प्रकार के लोग होते हैं एक भाग्यवादी और दूसरा कर्म वादी
भाग्यवादी _वो जो अपने प्रेम को अपने जीवन का आधार बना कर चलते हैं उनके विचार से प्रेम एक बार होता है,,,यह व्यक्ति कर्म की प्रधानता मानते हुए जिससे पहला प्रेम है उससे ही पूरा जीवन प्रेम करते हैं।
उनके कहे अनकहे प्रेम को जीवन का आधार मान कर हर संभव प्रयास करते हैं कि अपने जीवनसाथी से हर हाल में जुड़े रहे। उनके सुख दुख का ख्याल रखें।
तन मन और आत्मा से उनके साथ रहे।
प्रेम में समझौते करने के लिए वह अपनी खुशियों तक को दांव पर लगा देते हैं। ऐसे व्यक्ति खुद दुखी होकर अपने जीवन साथी को संपूर्ण प्रेम प्रदान करने की कोशिश करते हैं,,,
दूसरे कर्मवादी__ कर्मवादी वो जो कर्म को ही अपने उन्नति का आधार मानते हैं ऐसे व्यक्ति भाग्य के भरोसे हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठते।
एक व्यक्ति के प्रेम में अगर उन्हें घुटन या बोरियत का अनुभव होता है तो वह दूसरे व्यक्ति की ओर आकर्षित होते हैं।
ऐसे व्यक्ति अपने लाभ के लिए भी प्रेम करते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरा प्यार करने को गलत नहीं मानते। पहले प्यार में जो खुशियां उन्हें ना मिल पाई हो उन्हें वह अपने दूसरे प्यार में खोजते हैं।
अगर दूसरे प्यार में भी उन्हें कोई कमियां नजर आती है वह 3 रे के प्रति आकर्षित होते हैं। पर हर हाल में वह अपने प्यार के लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं कारण यह है कि वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं।
यह संसार हमारा कर्म क्षेत्र और कर्म स्थल है,,,, हाडमास के पिंजरे में बंद मनुष्य इंद्रियों के प्रभाव में आकर एक से अधिक बार भी प्रेम कर सकता है।
प्रेम एक हवा का झोंका है,,,, जो एक सुखद अहसास देता है।
पहले प्यार का पहला अनुभव गजब का होता है। कहते हैं कि पहला प्यार भुलाए नहीं भुलाया नहीं जा सकता।
परंतु यह कितना सच है और कितना झूठ यह तो बार-बार प्रेम करने वालों से पूछना ही पड़ेगा???
क्यों होता है दूसरा प्यार_
वैसे तो प्रकृति ने हम औरतों को बहुत सारे अधिकार दिए हैं,,,,,, जिसमें सहनशीलता उनका प्रमुख गहना है,,,परंतु अक्सर हम वूमेंस की एक आदत होती है कि हम बहुत ही जल्दी गलत ट्रैक पर चली जाती हैं क्योंकि हम अंदर से बहुत इमोशनल होती हैं। बहुत ज्यादा इमोशनल होने का यह परिणाम होता है कि इसका सबसे अधिक खामियाजा हमें ही भुगतना पड़ता है।
सबसे ज्यादा प्रॉब्लम हमें ही फेस करनी होती है और सीवाय पछतावे की कुछ भी हाथ नहीं आता।
कभी-कभी हम अपनी जिंदगी से इतनी परेशान हो जाते हैं कि सब कुछ छोड़कर कुछ समय के लिए रेस्ट करना चाहते हैं। अपने मन को विश्राम देना चाहते हैं कुछ समय खुद के लिए सुकून के पल चाहते हैं।
इस सुकून की तलाश में हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ दूसरा प्यार कर बैठते हैं जो कि सिर्फ हमारे साथ लगाव रखता है ना की हार्दिक स्नेह!
अक्सर पति से प्यार न मिलने की स्थिति में स्त्रियां बाहर दूर प्रेम खोजती है और खामियाजा होता है,,, खुद की नजरों में ही नीचे गिर जाना या घरवालों की सोच पर खरा ना उतरना।
इसीलिए अपने प्यार पर विश्वास रखिए ,,,
उन पर अपना हक रखिए,,,
अपने प्यार पर पकड़ मजबूत बनाइए
और रिश्तो को जकड़ कर रखना सीखिए,,,,
यकीन मानिए एक दिन आप की यह कोशिश जरूर कामयाब होगी ।
कोशिश करने से आपको दूसरे प्यार की कभी आवश्यकता नहीं पड़ेगी,,,,,,और आपका पहला प्यार ही आपका सेकंड ,,थर्ड व अंतिम प्यार होगा।
बस इतना ही 🙏🏼🙏🏼🙏
लेखिका, संतोषी सिन्हा
रायपुर छत्तीसगढ़
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